tag:blogger.com,1999:blog-20613549.post715175430360363976..comments2023-10-26T16:19:05.186+05:30Comments on ...रचनाकारों को प्रकाशित करने का उद्यम....: ‘हिंदुस्तानी कौम’ की जबानUnknownnoreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-20613549.post-17711423552924224972007-09-13T23:00:00.000+05:302007-09-13T23:00:00.000+05:30बहुत सार्थक लेख, किसी भी भाषा को मज़हब से जोड़कर द...बहुत सार्थक लेख, किसी भी भाषा को मज़हब से जोड़कर देखना ग़लत है।<BR/><BR/>हम क्या करें कि ठीक से चलना नहीं आता,<BR/>मिलना तो आ गया है बिछुड़ना नहीं आता,<BR/><BR/>हिंदू नहीं है हिंदी न मुस्लिम ही है उर्दू,<BR/>चशमा लगा के ठीक से पढ़ना नहीं आता,अभिनवhttps://www.blogger.com/profile/09575494150015396975noreply@blogger.com