tag:blogger.com,1999:blog-20613549.post114444705543433161..comments2023-10-26T16:19:05.186+05:30Comments on ...रचनाकारों को प्रकाशित करने का उद्यम....: कला प्रसंगUnknownnoreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-20613549.post-1144474017548602372006-04-08T10:56:00.000+05:302006-04-08T10:56:00.000+05:30अच्छा लेख है। आज ऎसी रचनाओं की आवश्यकता है, महानग...अच्छा लेख है। आज ऎसी रचनाओं की आवश्यकता है, महानगरों में रहने वाले बच्चे जिन्होंने कभी गांव ही नहीं देखे,वे ऎसी प्राचीन कला को जान तो पाएं ,जड़ों से जुड़ तो सकें चाहे इंटरनेट के ज़रिए ही सही।<BR/> प्रेमलताप्रेमलता पांडेhttps://www.blogger.com/profile/11901466646127537851noreply@blogger.com