उक्त अवसर पर गिरीश पंकज, कबीर गायक भारती बंधु, आरएनएस के संपादक एच.एस.ठाकुर सहित बड़ी संख्या में पंजाबी समुदाय के गणमान्य नागरिक एवं साहित्यकार, जन प्रतिनिधि उपस्थित थे । ज्ञातव्य हो कि यह सम्मान श्री मानस को अंतरजाल पर हिंदी साहित्य को विशेष तौर पर प्रतिष्ठित करने के लिए प्रदान किया गया । उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के कई रचनाकारों की कृतियों का ब्लॉग बनाकर उन्हें वैश्विक पहचान दी है ।
श्री मानस ने संस्था की ओर से जिन प्रमुख कृतियों का ब्लॉग तैयार की है उनमें प्रमुख हैं -
हिंदी में
1. गीत गाना चाहता हूँ
2. एक हमारा देश
3. आत्महत्या
4. सर्वेश्वरदयाल सक्सेना और उनकी पत्रकारिता
5. मेरी किताबें
6. दस्तक
7. एक गीत तुम्हारे नाम
8. ललित निबंध संचयन
9. रंग-झांझर
10. सैरेन्ध्री
11. होना ही चाहिए आंगन
12. हिरण्यगर्भ
13. चन्द्रकला
14. सृजनगाथा
छत्तीसगढ़ी में
14 पछतावा
15. ठोमहा भर घाम (छत्तीसगढी)
16. मोंगरा के फूल
2. एक हमारा देश
3. आत्महत्या
4. सर्वेश्वरदयाल सक्सेना और उनकी पत्रकारिता
5. मेरी किताबें
6. दस्तक
7. एक गीत तुम्हारे नाम
8. ललित निबंध संचयन
9. रंग-झांझर
10. सैरेन्ध्री
11. होना ही चाहिए आंगन
12. हिरण्यगर्भ
13. चन्द्रकला
14. सृजनगाथा
छत्तीसगढ़ी में
14 पछतावा
15. ठोमहा भर घाम (छत्तीसगढी)
16. मोंगरा के फूल
सृजन-सम्मान परिवार के अध्यक्ष श्री सत्यनारायण शर्मा (विधायक एवं पूर्व शिक्षा, जनसंपर्क, वाणिज्य मंत्री, मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़) एवं सभी सदस्यों ने श्री मानस को बधाई देते हुए इस अवसर पर संस्था के खास सहयोगी और आदि चिट्ठाकारों में प्रमुख श्री रवि रतलामी और हिंदीभाषा डॉट इंफों के श्री शर्मा जी को तहेदिल से स्मरण किया है ।
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दूरदर्शन केंद्र रायपुर ने उन्हें उन्हें खास तौर पर बधाई देते हुए आधे घंटे का एक खास कार्यक्रम रिकार्ड किया - इंटरनेट और हिंदी साहित्य की दिशा - जिसका प्रसारण 11 मई 2007 को संध्या 5 बजे किया जा रहा है ।
0 राम पटवा
प्रादेशिक महासचिव
12 टिप्पणियां:
जयप्रकाश जी,
आपको बहुत बहुत बधाईयाँ.
व आगे आप ऐसी ही उन्नति के पथ पर अग्रसर हों इस हेतु ढेरों शुभकामनाएँ.
मानस जी बहुत-बहुत बधाई। वैसे रु तो बहुत कम है लेकिन सम्मान तो सम्मान है।
जयप्रकाश जी, आपको इस सम्मान के लिए बहुत बहुत बधाई। उम्मीद है आप इसी तरह हिन्दी की अलख जगाते रहेंगे।
शैलेश जी, सम्मान को पैसों मे तोलकर, सम्मान की तौहीन मत करो। सम्मान सम्मान होता है।
बहुत-बहुत बधाई, मानस जी!
बधाई...लख लख बधाई होवे
मानस भईया
झारा झारा, कोपरा कोपरा बघाई
अंतरजाल पर अनवरत प्रयास करके हिन्दी व छत्तीसगढी भाषा की जो सेवा आपने की है वह वंदनीय है मैं पहले भी कह चुका हूं आपके कार्य के संबंध में कुछ लिखना सूर्य को दीपक दिखाना है अंतरजाल की दूनिया के तो हमारे छत्तीसगढ के भईया रवि रतलामी और आप सरताज हैं.
कल आपका लेख हरिभूमि में भी पढा, कितना खजाना छुपाए बैठे हैं भईया ?
हिन्दी चिट्ठाकारिता के लिए माता सुंदरी फ़ाउंडेशन पुरस्कार से सम्मानित होने पर मेरी अनेकोनेक शुभकामनायें
मानस जी को बधाई।
इसी तरह अन्तरजाल पर छत्तीसगढ़ की विशिष्ट पहचान बनाए रखेंगे इसके लिए शुभकामनाएं
हमारी ओर से भी ढ़ेर सारी बधाई व शुभकामनाएं स्वीकारें.
बधाईयाँ!
जयप्रकाश जी,
आपको इस सम्मान पर हार्दिक बधाई.
आपकी सृजन शक्ति दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति करे.ऐसी शुभकामनायेँ
अरविन्द चतुर्वेदी
बधाई
जयप्रकाश जी को बधाई. सृजनगाथा एक सार्थक प्रयास है ।
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