1/22/2010

हिंदी आशुलिपि एक धरोहर है - राजकुमार नरूला


राजभाषा विभाग भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा संयंत्र कार्मिकों के लिए प्रथम बार हिंदी आशुलिपि प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ दिनांक 4-11-2009 को मानव संसाधन विकास केन्द्र के कक्ष 125 में श्री राजकुमार नरूला महाप्रबंधक (कार्मिक) के मुख्य आतिथ्य एवं श्री दिलीप नंनौरे उप महाप्रबंधक (संपर्क व प्रशासन) की अध्यक्षता तथा श्री अशोक सिंघई सहायक महाप्रबंधक (राजभाषा) की विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण पश्चात् मंगलदीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। उल्लेखनीय है कि इस सत्र में संयंत्र के 17 कार्मिक हिंदी आशुलिपि प्रशिक्षण हेतु पंजीकृत हैं।
मुख्य अतिथि श्री आर.के. नरूला ने अपने सारगर्भित सम्बोधन में कहा कि हिंदी आशुलिपि एक महान कला है जिसको सीखने के लिए आप लोगों को चयनित किया गया है यह गर्व की बात है। राजभाषा आज देश की भाषा बन चुकी है जिसके माध्यम से कार्यालयीन कार्य सम्पादित किये जाते हैं। सर्वप्रथम अपने स्वागत सम्बोधन में श्री अशोक सिंघई सहायक महाप्रबंधक (राजभाषा) ने कहा कि प्रबंध निदेशक महोदय की अध्यक्षता में कार्यरत राजभाषा कार्यान्वयन समिति में लिए गए निर्णयों के तहत हिंदी आशुलिपि का प्रथम बार भारत सरकार गृह मंत्रालय राजभाषा विभाग हिंदी शिक्षण योजना द्वारा संचालित प्रशिक्षण के तहत हिंदी टंकण में उत्तीर्ण मिनिस्टिरियल स्टाॅफ के लिए शुरूआत की गई है। भिलाई बिरादरी जो सोचती है वह करके रहती है हम सभी क्षेत्र में अग्रणीय की भूमिका निभाते हैं। उन्होंने आव्हान किया कि हिंदी आशुलिपि एक कला है संकोच को दूर करते हुए उत्साह व गर्व से इस विधा को सीखें निरंतर अभ्यास करें और कार्यालयीन कामकाज में अवश्य ही इसका प्रयोग करें।

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