बहरहाल सृजनगाथा जैसी भाषा, साहित्य और संस्कृति को प्रोत्साहित करने वाली विशुद्धतः साहित्यिक पोर्टल ने अब हिंदी के महत्वपूर्ण ब्लॉग्स को समादरण देने लगी है । इसमें विषय साहित्यिक भी होंगे और साहित्येत्तर भी । चूँकि ब्लॉग्स ग्लोबल अभिव्यक्ति के साधन हैं अतः यहाँ भूगोल का भी दुराग्रह नहीं होगा । अब तक अधिकांश पत्रिकाओं ने जिन ब्लॉग्स या ब्लॉगर्स की कथित चर्चा की है, हम उसके मोह से भी बचते रहेंगे । सुदूर गाँवों में, कम साधनों के बावजूद ब्लॉग्स पर हिन्दी को विस्तारित करने वाले ब्लॉगर्स पर भी हमारी दृष्टि रहेगी ।
हमने पिछले सप्ताह से शुरू किया है - आप ही देखें कुछ ब्लॉग्स, हो सकता है जिसे शायद आप ऐसे ही जाने दिये होंगे -
ब्लॉग गाथा
हाय रे ज़िन्दगी
अब्दुल्ला
जिन्ना, जसवंत और भारत का भविष्य
9 टिप्पणियां:
आवश्यक ध्यानाकर्षण।
हम हिन्दी वाले गुटबाज़ी के बिना रह ही नहीं सकते. अकेले रहने से अस्तित्व ही ख़तरे में लगने लगता है इसलिए सब एक दूसरे की पीठ-खुजाई में लगे रहते हैं. I:-)
सार्थकता और पारदर्शिता की ओर एक सराहनीय कदम /
"कोई ब्लॉग में छपे अंशों को प्रकाशित कर अपना ब्लॉग प्रेम का प्रदर्शन कर रहा है तो कोई किसी चयनित और छोटी सी पोस्टिंग को ।"
उई दैय्या ..कहीं आपने अपनी बंदूक हमारी तरफ़ ही तो नहीं तानी बंधुवर । खैर जो भी हो , आपको इस अनूठे प्रयास के लिए अग्रिम बधाई और शुभकामनाएं । आज ऐसे प्रयासों की बहुत जरूरत है । शुक्रिया
यह बहुत अच्छा प्रयास है । इसे जारी रखें ।
nice
acchi khabar
jata hu diye huye links par,
shukriya
निःसंदेह एक बहुत अच्छी पहल है..
आभार...
बहुत अच्छी शुरुवात
बधाई
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