7/03/2009

राष्ट्रीय ब्लॉग संगोष्ठी रायपुर में

राष्ट्रीय ब्लॉग संगोष्ठी : छपास पीड़ा का इलाज मात्र हैं ब्लॉग?
रायपुर, छत्तीसगढ़
दिनांक 10 जुलाई, २००९

मित्रों,
पिछले दिनों हिन्दी के एक ब्लॉग में पुष्पा भारती के कथन पर गंभीर चर्चा चली थी। पुष्पा भारती ने हिन्दी ब्लॉगों को यह कह कर खारिज कर दिया था कि यहाँ तो भाषाएँ भी बड़ी अजीब है - ब्लॉगर ‘टेंशनात्मक’ लिख रहे हैं – तो ये टेंशनात्मक क्या है? इससे पहले नामवर सिंह जैसे दिग्गज इसे खारिज कर चुके हैं। अलबत्ता राजेंद्र यादव सरीखे कुछ विशिष्ट भविष्यदृष्टा की नजरों में ब्लॉगों के जरिए सृजनात्मकता की असीम संभावनाएँ भी झलकती हैं।

पांच साल के हिन्दी ब्लॉग इतिहास में सृजनात्मकता के लिहाज से क्या कुछ हासिल हुआ और भविष्य का पट क्या कहता है?

क्या ब्लॉग सिर्फ और सिर्फ छपास पीड़ा को जड़ से मारने का इलाज मात्र है या फिर इंटरनेट का यह मल्टीमीडिया युक्त सुगम सरल प्रकाशन सुविधा भविष्य में प्रेमचंद या देवकीनंदन खत्री जैसे लेखकों को पैदा करने की ताक़त रखता है? क्या यहाँ सिर्फ अनर्गल और पानठेलों-पर-की-जाने-वाली-बहस नुमा चीजें छापी जाती हैं या फिर इसमें स्तरीय सामग्री भी आती हैं?

इन तमाम मुद्दों पर गर्मागर्म बहस के लिए एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन दिनांक 10 जुलाई, 2009 को 2 बजे से 3 बजे तक रायपुर, निंरजन धर्मशाला में सुनिश्चित किया गया है। यह संगोष्ठी प्रमोद वर्मा स्मृति समारोह के आयोजन के तहत आयोजित किया जा रहा है। इस संगोष्ठी के मुख्य अतिथि रहेंगे देश के महत्वपूर्ण आलोचक एवं भारतीय ज्ञानपीठ के पूर्व निदेशक डॉ। प्रभाकर तथा विशिष्ट अतिथि होंगे – वरिष्ठ कवि एवं आलोचक श्री प्रभात त्रिपाठी, रायगढ़ एवं ए. अरविंदाक्षन, कालीकट तथा इसकी अध्यक्षता करेंगे - प्रसिद्ध ब्लॉगर रविशंकर श्रीवास्तव (रविरतलामी) ।

भागीदारी हेतु आप भी सादर आमंत्रित हैं। प्रतिभागी ब्लॉगर्स के भोजन, आवास की व्यवस्था संस्थान द्वारी की गई है तथा इसके अलावा राष्ट्रीय आलोचना संगोष्ठी में भी भाग ले सकते हैं जिसमें देश के 50 से अधिक वरिष्ठ आलोचक उपस्थित हो रहे हैं ।

संगोष्ठी संयोजक
जयप्रकाश मानस
मोबाइल – 94241-82664
ई-मेल – srijangatha@gmail.com

4 टिप्‍पणियां:

काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arif ने कहा…

बहुत अच्छा काम कर रहें है जारी रखें!

"शब्द पुष्टिकरण" हटा दे तो बेहतर होगा!

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

आयोजन के लिए बधाई
अवश्‍य पहुंचे ब्‍लॉगर भाई

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

जयप्रकाश जी,
नमस्ते,
इस महत्त्वपूर्ण योजना के बारे मेँ बताने के लिये आपका आभार !..
हिन्दी के प्रतिष्ठित बडे लेखक या समीक्षाकार हिन्दी ब्लोग जगत की आँखोँ देखी बानगी और विश्व के हर कोने से उभरती आवाज़ को
सुन ही नहीँ रहे ..उन्हेँ क्या पता ..कि यहाँ कितना सच और सरल लेखन हो रहा है -
कल झारखँड की समस्याओँ का ऐसा सच्चा विवरण पढा जो समाचार पत्र भी नहीँ छापते --भारत ही नहीँ विश्व के कई कोनोँ से, कई प्राँत, शहर, कस्बोँ और महानगरोँ से हिन्दी लिखनेवाले
कई नई बातोँ पर लिख रहे हैँ - हाँ यहाँ भी समाज मेँ फैली विषाक्तता और दुर्गुण भी देखने को मिल जाते हैँ
इन्सान जहाँ भी रहेगा, अपनी तरह अपनी सोच लिये ही जीयेगा और वैसे ही बर्ताव भी करेगा -
हम सभी को एक ढाँचे मेँ ढाल नहीँ सकते -
अभिव्यक्ति की स्वतँत्रता, स्वयँ की अनुभूति को प्रकाशित करने की छूट और सहजता ये 'ब्लोग -लेखन' की खास देन है
जो भी लिखा जायेगा,
अब ये सदा के लिये इन्टरनेट पे दमकती रहेगी
- लावण्या

सदा ने कहा…

ब्‍लागरों के इस आयोजन के लिये आपका आभार्