3/04/2006

वह मेरा भगवान नहीं था (गीत)



अवचेतन के भीतर संशय में-
उतरा अनुमान सही था,
वह मेरा भगवान नहीं था

वंचित रहकर भी श्रद्धा में,
उस पर ही सर्वस्व लुटाया
अपनेपन का स्वांग रचाकर
उसने प्राणों को भरमाया
अब क्या लेखा-जोखा उसका
अब निधियाँ कितनी बच पाईं
नेहों पर न्योछावर कर दी
हमने अपनी सकल कमाई
दुख है तो इतना ही केवल
वह इससे अनजान नहीं था
वह मेरा भगवान नहीं था

पत्थर तो पत्थर है आखिर
मंदिर का हो या हो घर का
थोड़ा-सा अंतर होता है
दृष्टिकोण को और नज़र का
मेरे भीतर निर्मल-निश्छल
धाराएँ-सी बहती रहतीं
इसीलिए जीवन भर पूजा
दुनिया जिसको पत्थर कहती
मेरे पूर्ण समर्पण पर भी
दो पल का अवदान नहीं था
वह मेरा भगवान नहीं था


डॉ. अजय पाठक
संयुक्त नियंत्रक(नाप तौल)
लेन-3, विनोबा नगर, बिलासपुर
छत्तीसगढ

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