3/04/2006

अनुवाद है आँसू


पीड़ा का अनुवाद हैं आँसू
एक मौन सम्वाद हैं आँसू

दर्द, दर्द बस दर्द ही नहीं
कभी-कभी आह्लाद हैं आँसू

जबसे प्रेम धरा पर आया
तब से ही आबाद हैं आँसू

अब तक दिल में ह हलचल-सी
मुझको उनके याद हैं आँसू

कभी परिन्दे कटे-परों के
और कभी सैयाद हैं आँसू

इनकी भाषा पढ़ना ‘अंजुम’
मुफ़लिस की फ़रियाद हैं आँसू

श्री अशोक अंजुम

2 टिप्‍पणियां:

आलोक ने कहा…

मुफ़लिस यानी?

बेनामी ने कहा…

आँसू की भाषा का चित्रण अद्‍भुत है अशोक,
पढ़ इसको मै अपने आप को नही पाया रोक,
भाषा का क्‍या भाषा तो पढकर ही जानी जाती है,
पर ये तो एसी भाषा है जो बिन पढ जानी जाती है.

यतीष जैन