लेखकों से निवेदन
।। मीडिया विमर्श का आगामी अंक- वार्षिकांक ।।
(रेडियो की वापसी पर केंद्रित)
(रेडियो की वापसी पर केंद्रित)
मीडिया विमर्श मीडिया की पड़ताल करने वाली हिंदी की एकमात्र पत्रिका है जो कागज और वेब दोनों पर प्रकाशित होती है । यह मीडियाकर्मियों में खासा लोकप्रिय पत्रिका है । पत्रिका देश भर के सभी विश्वविद्यालयों के पत्रकारिता विभागों और मीडिया संस्थानों में समादृत है । इसके अलावा यह देश-विदेश के विशिष्ट एवं वरिष्ट लेखकों, पत्रकारों एवं मीडियाकर्मियों को उपलब्ध करायी जाती है । पत्रिका से देश के नामी पत्रकार जुड़े हुए हैं ।
मीडिया के नए-नए साधनों की बहुलता और टेलिविजन मीडिया के हल्लाबोल में यूं लगा कि रोडियो की तो मौत ही हो जाएगी पर अब रेडियो का नया अवतार सामने आ रहा है । एफएम की क्रांति के साथ-साथ सामुदायिक रेडियो सेवा भी पैर पसार रही है । इंटरनेट ने उसे विश्व के दूसरे छोर तक पहुंचा दिया है । रेडियो के इतिहास, विकास, दशा दिशा पर गंभीर विश्लेषण के साथ होगी खास सामग्री ? भेजिए अपने लेख, अनुभव एवं विश्लेषण 30 जुलाई 2007 तक । 
संभावित विषय-
1. रेडियो का महत्व 
2. रेडियो का प्रभाव 
3. रेडियो और ग्रामीण संसार 
4. मनोरंजन और रेडियो 
5. रेडियो और वर्तमान चुनौतियाँ 
6. रेडियो और कानून 
7. रेडियो और संगीत 
8. रेडियो और साहित्य 
9. हिंदी के वैश्वीकरण में रेडियो का वर्चस्व 
10. मीडिया और रेडियो 
11. रेडियो के प्रमुख व्यक्तित्व 
12. साक्षात्कार (देश-विदेश के प्रमुख रेडियोकर्मियों से )
13. रेडियो और प्रजातंत्र 
14. रेडियो और इंटरनेट 
15. शिक्षा का लोकव्यापीकरण और आकाशवाणी 
16. रेडियो का संकट 
17. रेडियो का वर्तमान 
18. रेडियो का भविष्य 
19. रेडियो से जुड़ी कहानियाँ और लघुकथायें, कवितायें, कृति समीक्षायें आदि साहित्य
20 रेडियो और अर्थशास्त्र 
21. रेडियो और शासकीय हस्तक्षेप 
22. रेडियो पत्रकारिता 
23. रेडियो पत्रकारिता के संस्थान 
24. रेडियो और विज्ञापन 
25. रेडियो से जुडी प्रामाणिक सांख्यिकी 
26. रेडियो और कैरियर्स 
27. लोकभाषाओं की अस्मिता और रेडियो 
28. राष्ट्रीय सद्भाव और रेडियो 
29. समकालीन चुनौतियाँ और रेडियो की दुनिया 
30. रेडियो जिसने बदल दी दुनिया (प्रसंग, प्रेरक प्रसंग)
31. रेडियो के चर्चित हस्तियाँ, स्लोगन, कार्यक्रम, प्रभाव का अनुशीलन 
32. आकाशवाणी के श्रोतागण (विभिन्न कोणों से मूल्याँकन)
33. ऑनलाइन रेडियो का संसार 
34.रेडियो और तकनीकः दशा और दिशा
35. अन्य विषय जो लेखक सुझाना चाहें । 
नियमावली-
1. सामग्री युनिकोडित हिंदी फोंट में ही भेजें । 
2. जो इंटरनेट के माध्यम से नहीं भेज सकते वे डाक से भेज सकते हैं । 
3. आपका आलेख, अप्रकाशित, मौलिक, अप्रसारित हो । 
4. प्रेषित रचनाओं का अन्यत्र उपयोग बिना स्वीकृति के न करें । 
5. स्वीकृत रचनाओं का कॉपीराइट मीडिया विमर्श के पास रहेगा । 
6. लेख अधिकतम 4-5 पेज का हो । 
पारिश्रमिक या मानदेय-
1. सभी स्वीकृत रचनाओं पर सम्मानजनक मानदेय या पारिश्रमिक देय । 
2. रचना या आलेख प्रकाशनोपरांत लेखक को 10 दिवस में देय । 
3. प्रकाशित होने वाले रचनाकारों को मुद्रित अंक की एक प्रति निःशुल्क । 
संपर्क- 
प्रतिभागी लेखक,विशेषज्ञ उपर्युक्त विषय के अलावा किसी खास विषय पर लेख लिखने हेतु mediavimarsh@gmail.com पर चर्चा कर सकते हैं । वे अपने नियत विषय की सूचना से भी पूर्व में हमें अवगत करा सकते हैं । परिचर्चा आयोजक कृपया आयोजन के पूर्व अवश्य अपने विषय की जानकारी हमें दे देवें कि वे कितने विशेषज्ञों के विचार दे रहे हैं । 
जयप्रकाश मानस 
 
 
 
5 टिप्पणियां:
आपको जिससे जो लिखवाना हो उसे वह विषय दीजिए और उसका पारिश्र्मिक तय कीजिए , इस तरह से यहाँ पर खुला बाज़ार लगा कर यह मत समझने लगिए की कोई लिख देगा.
सम्मान जनक पारिश्रमिक? वाह क्या बात है! :)
हिन्दी लेखकों के लिए तो यह बहुत ही शुभ समाचार है!
मेरा एक लेख पक्का रहा !
अरे वाह जब आपने लिखने बारे कहा था तो मैं समझा था कि सिर्फ वो पुराने जमाने के रेडियो के बारे में साहित्यिक किस्म का लेख लिखना है लेकिन यहाँ तो विषय काफी व्यापक है।
मैं भी लेख लिखता हूँ।
लेख छ्प गया है.धन्यवाद.पारिश्रमिक भी आता ही होगा.
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