7/21/2006

साहित्यकारों के लिए खुशखबरी

संपादक कैसे बने ?
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क्या आप नियमित लेखन या साहित्य अध्ययन से जुड़े हुए हैं ? क्या आपके आसपास रचनाकारों की एक सशक्त समूह क्रियाशील है ? जिन्हें लेकर आप कोई पत्रिका या स्मारिका निकालना चाहते हैं या कोई प्रयास इसके पूर्व भी कर चुके हैं ? संक्षेप में कहें तो आप अपने पास-पड़ोस के सृजनधर्मियों को एक मंच पर लाना चाहते हैं ? यदि हाँ, तो आपका यहाँ स्वागत है ।

रचनाकारों में निहित सृजनात्कता को प्रोत्साहित करने एवं उन्हें संपादन का अवसर प्रदान करने के लिए यह स्तंभ एक स्वर्णिम भेंट है । अंतरजाल में हिन्दी को लेकर अब तक किये कार्यों में एक नये प्रयोग की तरह भी है । आइये हम आपका बाट जोह रहे हैं –

नियमः-

0अतिथि संपादक को सबसे पहले मेल/पत्र द्वारा अपनी सृजनात्म्क गतिविधियों का बायोडेटा भेजकर संपादक से सहमति प्राप्त करनी होगी ।

0अतिथि संपादक को अपने शहर या आसपास या वैश्विक स्तर पर सृजनरत साहित्यकारों से रचनाएँ एकत्र कर हमारे पास भेजनी होगी । रचनाओं की मौलिकता की गांरटी एवं परीक्षण कार्य का उत्तरदायित्व स्वयं अतिथि संपादक का होगा ।

0इस अनुक्रम में अतिथि संपादक को ‘सृजनगाथा’ में प्रचलित सभी स्तंभों हेतु रचनाएं स्वयं व्यवस्थित करनी होगी । व्याकरण संबंधी त्रुटियों का निराकरण अतिथि संपादक को स्वयं करना होगा । रचना चयन के समय अन्य विवादास्पद मुद्दों का निराकरण भी अतिथि संपादक को करना होगा ।

0रचनाओं के साथ संबंधित रचनाकारों का बोयोडेटा संक्षिप्त फोटो सहित भेजना होगा ।
प्रकाशित होने वाली सामग्री युनिकोडित हिन्दी फोंट में ही होनी चाहिए । फोंट संबंधी असुविधा हेतु संपादक मंडल से चर्चा की जा सकती है ।

0अतिथि संपादक रचनाओं पर केंद्रित वांछित और सम्यक चित्र भी बेबपेज की सुन्दरता के लिए भेज सकते हैं ।

0पूर्ण अंक हेतु रचनाओं की स्वीकृति के 3 माह बाद ही अंक ‘सृजनगाथा’ के विशिष्ट अंक के रूप में अंतरजाल पर प्रकाशित किया जा सकेगा ।

उपहारः-
*चयनित अतिथि संपादक को ‘सृजनगाथा’ परिवार की ओर से 1000 रुपयों की साहित्यिक कृतियाँ, प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जायेगा ।
*चयनित अतिथि संपादक को परिवार की ओर से मुद्रित पत्रिका के संपादन का अवसर दिया जा सकेगा। जिसकी प्रतियाँ हिन्दी के वरिष्ठतम साहित्यकार, समीक्षक, पत्रिका संपादक के पास नियमित रूप से भेजी जायेंगी ।

*वर्ष भर के अतिथि संपादकों में श्रेष्ठ प्रस्तुति पर विशेष सम्मानोपाधि(अन्य उपहार सहित) भी पत्रिका/ संस्था के मुख्यालय में आयोजित अखिल भारतीय वार्षिक अलंकरण समारोह में देश के वरिष्ठतम साहित्यकारों की उपस्थिति में प्रदान किया जायेगा ।

*विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ ई-मेल भेज सकते हैं- srijangatha@gmail.com
या निम्नांकित पते पर पत्राचार कर सकते है-

संपादक,
‘सृजनगाथा’,
एफ-3, छ.ग. माशिम. आवासीय कॉलोनी,
पेंशनवाडा, रायपुर, छत्तीसगढ़, भारत, 492001
विस्तृत जानकारी हेतु कृपया देखें- www.srijangatha.com
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