12/25/2007

हिंदी चिट्ठाकारों से एक विनम्र आग्रह

कुछ चिट्ठाकारों और सहज जिज्ञासुओं ने संस्था को फोन एवं मेल द्वारा संपर्क कर सम्मान हेतु हिंदी के ब्लॉगरों से प्रविष्टि आमंत्रित के बिषय में अपनी जिज्ञासा प्रकट की है । हम उन सभी का स्वागत करते हैं ।

वैसे तो अंतरजाल पर मौजूद सभी चिट्ठों को देखने-पढ़ने और परखने का कार्य निर्णायक मंडल के माननीय सदस्यगण कर रहे हैं । तथापि एग्रीगेटर में शामिल नहीं होने के कारण ऐसे कुछ चिट्ठों के बारे में जानने में सदस्यों को कठिनाई हो सकती है । सो हम उनसे आग्रह करते हैं कि ऐसे चिट्ठाकार अपने चिट्ठों की जानकारी या उनकी दृष्टि में विचारणीय किसी अन्य चिट्ठों के बारे में श्री रवि रतलामी या श्री बालेंदु जी को सम्मान हेतु हिंदी के ब्लॉगरों से प्रविष्टि आमंत्रित नामक पोस्ट में उल्लेखित बिंदुओं के आधार पर भेज सकते हैं । ताकि उन्हें आपका वांछित सहयोग मिल सके और सर्चिंग आदि में समय भी बच सके ।

सभी एग्रीगेटर के आत्मीय नियंत्रणकर्तां से भी आग्रह है कि वे इस दिशा में वांछित सहयोग प्रदान कर सकते हैं ।

राम पटवा
महासचिव
सृजन-सम्मान, छत्तीसगढ़
रायपुर

12/23/2007

सम्मान हेतु हिंदी के ब्लॉगरों से प्रविष्टि आमंत्रित

छत्तीसगढ़ की बहुआयामी सांस्कृतिक संस्था “सृजन-सम्मान” ने हिंदी ब्लॉगरों को, प्रिंट माध्यम के साथ-साथ वेब माध्यम में प्रसारित रचनात्मक हिंदी, साहित्य, विचार लेखन को सम्मानित करने का निर्णय लिया है ताकि मूल लेखन के समानांतर वेब पर सक्रिय हिंदी ब्लॉगरों के योगदान का मूल्याँकन प्रारंभ हो सके, प्रिंट व अन्य माध्यमों में सक्रिय रचनाकारों, पत्रकारों एवं संस्कृतिकर्मियों को वेब पर पलक झपकते ही विश्व के कोने-कोने तक पहुँचने वाली सशक्त माध्यम ब्लागिंग की सम्यक जानकारी भी मिल सके, रुझान पैदा हो सके । कदाचित् यह गंभीर हिंदी और खासकर साहित्यिक दुनिया में यह नया कदम साबित हो सके और हिंदी, साहित्य, संस्कृति के ब्लॉगरों का अकादमिक मूल्याँकन कार्य़ की शुरुआत भी हो सके ।

चयन का सामान्य आधार-
संस्था 3 ऐसे हिंदी चिट्ठाकारों को सम्मानित करना चाहती है, जिन्हें भाषा, शिल्प, विषय वस्तु, प्रभाव, सादगी, व्यूवरशीप एवं अन्य कारणों से आदर्श कहा जा सके । संस्था यह भी अपेक्षा रखती है कि ऐसे चिट्ठाकार जो बड़े महानगर के न हों और जो तकनीकी और संचार के आधुनिक सुविधाओं से भी विशेष रूप से न जुड़े हों । वे लगातार अपनी मौलिक रचनात्मकता को भी अंतरजाल पर सिद्ध करते रहे हों । किन्तु अंतिम चयन निर्णायक मंडल के विवेक पर ही किया जायेगा ।

निर्णायक मंडल-
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रविशंकर श्रीवास्तव (रवि रतलामी), हिंदी-ब्लागिंग विशेषज्ञ, रतलाम, मध्यप्रदेश
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बालेंदु दाधीच, संपादक, प्रभासाक्षी डॉट कॉम, नई दिल्ली
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जयप्रकाश मानस, संपादक, सृजनगाथा डॉट कॉम, रायपुर- समन्वयक

प्रविष्टि के नियम-
यूँ तो निर्णायक मंडल के विषय विशेषज्ञ लगभग ऐसे सभी ब्लॉगों की जानकारी (नेट पर उपलब्ध तकनीकी सुविधा के कारण) रखते हैं । तथापि हिंदी ब्लॉगरों से आग्रह है कि वे अपनी प्रविष्टि निम्नांकित जानकारियों के साथ
श्री रवि रतलामी को 30 दिसम्बर 2007 तक भेज सकते हैं । अंतिम रूप से चयनित 3 हिंदी ब्लॉगरों को अपना बायोडेटा व एक छायाचित्र सृजन-सम्मान, छत्तीसगढ़ को स्मारिका में प्रकाशनार्थ भेजना होगा तथा समारोह में सम्मान-स्वीकृति का पत्र 15 जनवरी 2008 तक प्रेषित करना होगा ।

1. नाम
2. स्थान, जहाँ से यह ब्लॉग संचालित कर रहे हैं
3. ब्लॉग का केंद्रीय विषय
4. ब्लॉग में कुल प्रविष्टि
5. मौलिक लेखन या पूर्व प्रकाशित सामग्री का प्रकाशन
6. ब्लॉग का युआरएल
7. संपर्क हेतु ई-मेल



सम्मान-विवरण
1. निर्णायक मंडल के सदस्य द्वय श्री रतलामी व श्री दाधीच जी के अंतिम अनुशंसा के आधार पर 3 सर्वश्रेष्ठ हिंदी ब्लॉगरों को सम्मान-स्वरूप 2000 रुपयों की साहित्यिक कृतियाँ, मोमेन्टो (प्रतीक चिंह), सम्मान-पत्र, शॉल एवं श्रीफल से सम्मानित किया जायेगा । यह सम्मान
संस्था द्वारा रायपुर में आयोजित छठवें अखिल भारतीय साहित्य महोत्सव-07 (16-17 फरवरी, 2008) में राज्य के राज्यपाल, मुख्य मंत्री व देश के प्रमुख साहित्यकार के हाथों दिया जायेगा ।

2. इसके अलावा
संस्था की तीन सहयोगी एवं महत्वपूर्ण पत्रिकायें सद्भावना दर्पण (अनुवाद की त्रैमासिक पत्रिका-संपादक गिरीश पंकज), मीडिया विमर्श (संपादक-संजय द्विवेदी) तथा साहित्य वैभव (संघर्षशील रचनाकारों की मासिक पत्रिका, संपादक-डॉ। सुधीर शर्मा) निःशुल्क 1 वर्ष तक भेजीजायेगी ।

3. सम्मानित होने वाले ब्लॉगरों की कोई स्तरीय एवं साहित्यिक पांडुलिपि
संस्था को प्रस्तुत होने पर संस्था उसे निःशुल्क प्रकाशित कर सकेगी । तथा ऐसे रचनाकार को संबंधित कृति की 100 प्रतियाँ अर्थात् (लगभग10,000 रुपये का सहयोग)प्रदान किया जायेगा ।

4.
संस्था द्वारा प्रकाशित ऐसी कृतियों पर राज्य एवं राज्य से बाहर की इकाईयों में चर्चा गोष्ठियाँ भी आयोजित की जायेगी ।

टीपः-
संस्था द्वारा भोजन एवं आवास की व्यवस्था भी सम्मान समारोह-16-17 फरवरी, 2008 के दौरान की जायेगी । उनका बोयोडेटा सचित्र संस्था के वार्षिकांक-स्मारिका में प्रकाशित की जायेगी। सृजन-सम्मान रचनाकारों की संस्था है फलस्वरूप संस्था चाहते हुए भी उनके मार्ग-व्यय की व्यवस्था की स्थिति में नहीं है ।


राम पटवा
महासचिव
सृजन-सम्मान

12/20/2007

सृजन-सम्मान अंलकरणों की घोषणा हुई

रायपुर । छत्तीसगढ राज्य की बहुआयामी सांस्कृतिक संस्था “सृजन-सम्मान” द्वारा साहित्य, संस्कृति, भाषा एवं शिक्षा की विभिन्न विधाओं में प्रतिष्ठित रचनाकारों को पिछले 6 वर्षों से प्रतिवर्ष दिये जाने वाले सम्मानों के अनुक्रम में इस वर्ष के अखिल भारतीय सम्मानों की घोषणा कर दी गई है। यह सम्मान महामहिम राज्यपाल एवं देश के चुनिंदे वरिष्ठ साहित्यकारों की उपिस्थिति में दिया जाता है । छत्तीसगढ राज्य के गौरव पुरुषों की स्मृति में दिये जाने वाले ये सम्मान 2 दिवसीय अखिल भारतीय साहित्य महोत्सव-07 (16-17फरवरी,2008) में प्रदान किये जायेंगे ।

संस्था द्वारा सम्मान स्वरुप रचनाकारों को नगद राशि(निर्धारित), प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह, शॉल, श्रीफल एवं 500 रुपयों की कृतियाँ भेंट की जाती हैं ।

संस्था की उच्चस्तरीय चयन समिति के निर्णय अनुसार सम्मान एवं सम्मानित होने वाले रचनाकारों के नाम इस प्रकार हैं-

01.पद्मभूषण झावरमल्ल शर्मा (पत्रकारिता)श्री विश्वनाथ सचदेव, पत्रकार, मुंबई
02.पद्मश्री मुकुटधर पांडेय(लघुपत्रिका)-मसि कागद, श्री श्याम सखा श्याम, रोहतक
03.माधवराव(लघुकथा) -श्री सुकेश साहनी, संपादक, लघुकथा डॉट कॉम, बरेली
04.महाराज चक्रधर (ललित निबंध-सुश्री रंजना अरगड़े, अहमदाबाद, गुजरात
05.महंत बिसाहू (कबीर साहित्य)- डॉ. हीरालाल शुक्ल, वरिष्ठ लेखक, भोपाल

06. राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल(समग्र व्यक्तित्व)- श्री केशरीनाथ त्रिपाठी, लेखक, लखनऊ
07.हरि ठाकुर(समग्र कृतित्त्व)- श्री कमल किशोर गोयनका, वरिष्ठ आलोचक, दिल्ली
08.ना.ला. परमार (कविता/गीत)-श्री निर्मल शुक्ल, संपादक, उत्तरायण, लखनऊ
09.बल्देव प्रसाद मिश्र(कहानी)- श्री सुरेन्द्र तिवारी, कहानीकार, दिल्ली
10.मिनीमाता(दलित विमर्श)-डॉ. विनय पाठक, आलोचक, बिलासपुर

11.महेश तिवारी(विचारात्मक लेखन) - श्रीमोहनदास नैमिशराय, दलित चिंतक, मेरठ
12.मुस्तफ़ा हुसैन मुश्फ़िक (गीत/ग़ज़ल)-श्री हस्तीमल “हस्ती”, ग़ज़लकार, मुंबई
13.मावजी चावड़ा(बाल साहित्य) -श्री भैरूलाल गर्ग, संपादक, बालवाटिका, जयपुर
14.धुन्नीदूबे (आंचलिक पत्रकारिता) -श्री रावलमल जैन, पत्रकार, लेखक, दुर्ग
15.प. गोपाल मिश्र(कविता/गीत)- डॉ. अजय पाठक, गीतकार, बिलासपुर

16.रामचंद्र देशमुख(लोक-रंग)-श्री दिलीप षडंगी, लोकगायक, रायगढ़
17.श्रीमती राजकुमारी पटनायक(भाषा)-श्री नंद किशोर तिवारी, लोकाक्षर, बिलासपुर
18.विश्वम्भरनाथ ठाकुर(छंद)-श्री बुद्धिनाथ मिश्र, गीतकार, देहरादून, उत्तरांचल
19.समरथ गंवईहा(व्यंग्य-आलोचना) -श्री सुभाष चंदर, आलोचक, नई दिल्ली
20.गृंधमुनि साहब (कबीर साहित्य)- श्री आनंद प्यासी, लेखक, भोपाल

21.दादा अवधूत(शिक्षा-संस्कृति)-डॉ. रामनिवास मानव, लघुकथाकार, हिसार
२२.सम्मान(अनुवाद कार्य)-श्री कालिपद दास, अनुवादक, कोलकाता
23.हिंदी गौरव सम्मान (हिंदी-वेबसाइट)-सुश्री पूर्णिमा वर्मन, अभिव्यक्ति, दुबई
24.प्रवासी सम्मान(विदेश मे हिंदी सेवा) श्री आदित्य प्रकाश सिंह, रेडियो सलाम नमस्ते, युएसए
25.प्रथम कृति(प्रथम कृति)-श्री अरविंद मिश्रा, कवि, राजनांदगाँव

26.भाषा-सेतु(अहिंदीभाषी रचनाकार)- डॉ. तिप्पेस्वामी, रचनाकार, मैसूर, कर्नाटक
२७कृतिसम्मान(श्रेष्ठ पांडुलिपि)-श्री लक्ष्मण मस्तुरिया, वरिष्ठ कवि, रायपुर
२८.षष्ठी पूर्ति(वरिष्ठ साहित्यकार)- श्री बच्चू जांजगिरी, वरिष्ठ रचनाकार, रायपुर
29.लघुकथा गौरव (लघुकथा में योगदान) - लघुकथाकार

टीप- उत्कृष्ट चिट्ठों ब्लॉगर की सूची यथाशीघ्र घोषित की जायेगी ।

विस्तृत विवरण देखें- http://srijangatha.com/srijansamman/index.htm


12/13/2007

रायपुर में लघुकथा पर राष्ट्रीय विमर्श 16-17 फरवरी को

राज्य की बहुआयामी और रचनाकारों की सांस्कृतिक संस्था “सृजन-सम्मान” द्वारा आगामी 16-17 फरवरी को रायपुर में नये समय की सबसे कारगर विधा लघुकथा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है । विमर्श का केंद्रीय विषय “लघुकथाः नई सदी की केंद्रीय विधा” रखा गया है । इस राष्ट्रीय विमर्श में लघुकथा आंदोलन से संबंद्ध रहे 100 सक्रिय लघुकथाकार सहित लगभग 300 साहित्यकार, पत्रकार, शिक्षाविद् एवं आलोचक सम्मिलित होंगे ।

विमर्श एवं ग्रंथ हेतु शोध आलेख

संस्था द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले अखिल भारतीय साहित्य महोत्सव की कड़ी के रूप में होने वाले इस राष्ट्रीय विमर्श में लघुकथा विधा के विभिन्न आयामों पर आलेख वाचन, संवाद एवं हस्तक्षेप का सत्र रखा गया है । विमर्श में प्राप्त आलेखों का प्रकाशन भी किया जायेगा। संगोष्ठी हेतु लघुकथाकारों, शिक्षाविदों, आलोचकों, साहित्यकारों से निःशुल्क आलेख आमंत्रित किया जा रहा है ।

आलेख भेजने के नियमः-
1. मूल आलेख अधिकतम 3-4 पृष्ठ का होना चाहिए । विस्तृत आलेख अलग से भेजा सकता है ।
2. आलेख टाइप या हस्तलिखित हो सकता है किन्तु वह पठनीय हो ।
3. आलेख के साथ रचनाकार अपना फोटो, संक्षिप्त परिचय अवश्य भेजें ।
4. प्रविष्टि प्राप्ति की अधिकतम तिथि 30 जनवरी, 2008 ।
५. अंतिम रूप से चयनित 45 आलेख लेखक विमर्श में आलेख वाचन कर सकेंगे । लेखक विमर्श में समुपस्थित रह सकेंगे । उनके आलेखों का प्रकाशन भी किया जायेगा ।
6. समस्त आलेख लेखकों को प्रकाशित विमर्श-कृति की एक-एक प्रति निःशुल्क भेंट की जायेगी ।
7. विमर्श के सम्मिलित प्रतीभागियों के आवास, भोजन आदि की निःशुल्क व्यवस्था संस्था द्वारा की जायेगी ।

लघुकथाकार के विकास में योगदान देने वालों का सम्मान

हिंदी लघुकथा की विधा के विकास में संघर्षरत रहे एवं अपनी रचनात्मकता से इस विधा को गति देने वाले देश के वरिष्ठ लघुकथाकारों, लघुकथा केंद्रित पत्रिका संपादकों, आलोचकों, शोधार्थियों, अनुवादकों, संगठनों का इस साहित्य महोत्सव में राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान भी किया जायेगा । उन्हें इस अवसर पर देश के प्रख्यात साहित्यकारों, आलोचकों एवं महामहिम राज्यपाल, संस्कृति मंत्री, शिक्षामंत्री के करकमलों से “लघुकथा-गौरव” एवं “सृजन-श्री” अलंकरण प्रदान कर उनके साहित्यिक योगदान को रेखांकित किया जायेगा । सम्मान स्वरूप रचनाकारों को एक प्रशस्ति-पत्र, प्रतीक चिन्ह, 1000 रूपयों की साहित्यिक कृतियाँ भेंट की जायेगी ।

इस हेतु एक चयन समिति का गठन किया गया है जो देश के प्रमुख विद्वानों से प्राप्त संस्तुतियों पर अंतिम निर्णय देगी । इस सम्मान हेतु लघुकथा विधा से संबंद्ध रचनाकार, आलोचक, पत्रिका संपादक सहित आदरणीय लघुकथा पाठक भी अपना खुला प्रस्ताव दे सकते हैं ।

लघुकथा पाठ का राष्ट्रीय आयोजन

इस महती आयोजन में 16 फरवरी, 2007 को रात्रि 8 बजे से 12 बजे तक राष्ट्रीय लघुकथा पाठ का आयोजन भी किया जा रहा है, जिसमें हिंदी सहित अन्य भाषाओं के लघुकथाकार भी हिंदी अनुवाद का पाठ कर सकेंगे । यह सत्र आंशिक रूप से खुला सत्र है। लघुकथा पाठ हेतु देश के सभी प्रदेशों के चुनिंदे लघुकथाकारों को आमंत्रित किया गया जा रहा है किन्तु इच्छुक लघुकथाकार भी लघुकथा पाठ हेतु संबंधित एवं प्रतिनिधि लघुकथा की एक प्रति डाक से भेज सकते हैं । लघुकथा पाठ हेतु लघुकथाकारों का अंतिम चयन कर उन्हें सूचित कर दिया जायेगा । लघुकथा पाठ हेतु प्रतिभागियों के भोजन एवं आवास की व्यवस्था संस्था द्वारा की जायेगी ।

लघुकथा प्रदर्शिनी

सृजन-सम्मान, छत्तीसगढ़ के इस महत्वपूर्ण आयोजन में लघुकथा पर केंद्रित एक प्रदर्शिनी भी लगाई जायेगी जिसमें ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण लघुकथा, लघुकथा संग्रह, लघुकथा केंद्रित लघु-पत्रिका, विशेषांक आदि प्रदर्शित की जायेंगी । लघुकथा के संवर्धन एवं विकास से जुड़ी संस्थायें एवं लघुकथाकार अपनी सामग्री 30 जनवरी 2007 तक भेज सकते हैं । प्रदर्शित सामग्री वे प्रदर्शिनी पश्चात वापस ले सकते हैं ।

लघुकथा संग्रह हेतु रचनायें आमन्त्रित

संस्था द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में केंद्रित विषय पर एक उत्कृष्ट संग्रह का प्रकाशन भी विधागत उन्नयन हेतु किया जाता है । इसी कड़ी में इस वर्ष लघुकथा संग्रह का प्रकाशन भी संस्था द्वारा निःशुल्क किया जा रहा है । लघुकथाकार वर्ष 2005 से अब तक लिखी गई, प्रकाशित या अप्रकाशित केवल 1 प्रतिनिधि लघुकथा भेज सकते हैं । इस संग्रह का विमोचन भी उक्त अवसर पर किया जायेगा तथा लघुकथाकारों को एक-एक प्रति भेंट की जायेगी । लघुकथाकार अपनी लघुकथा 20 जनवरी, 2007 के पूर्व तक भेज सकते हैं ।

संपर्क-सूत्र
१. जयप्रकाश मानस, सृजन-सम्मान,एफ-3, छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल, आवासीय कॉलोनी, रायपुर, छत्तीसगढ़-492001 (मोबाइल-94241-82664) या

२. डॉ. सुधीर शर्मा, प्रांतीय संयोजक, सृजन-सम्मान, वैभव प्रकाशन, शिवा इलेक्ट्रानिक के पास, पुरानी बस्ती, रायपुर, 492001 (मोबाइल-94253-58748) या

३। श्री राम पटवा, महासचिव, सृजन-सम्मान, बसंत पार्क, गुरुतेगबहादूर नगर, रायपुर, छत्तीसगढ़-492001- (मोबाइल- 98271-78279)

ई-मेल-
srijan2samman@gmail.com