चयन का सामान्य आधार-
संस्था 3 ऐसे हिंदी चिट्ठाकारों को सम्मानित करना चाहती है, जिन्हें भाषा, शिल्प, विषय वस्तु, प्रभाव, सादगी, व्यूवरशीप एवं अन्य कारणों से आदर्श कहा जा सके । संस्था यह भी अपेक्षा रखती है कि ऐसे चिट्ठाकार जो बड़े महानगर के न हों और जो तकनीकी और संचार के आधुनिक सुविधाओं से भी विशेष रूप से न जुड़े हों । वे लगातार अपनी मौलिक रचनात्मकता को भी अंतरजाल पर सिद्ध करते रहे हों । किन्तु अंतिम चयन निर्णायक मंडल के विवेक पर ही किया जायेगा ।
निर्णायक मंडल-
- रविशंकर श्रीवास्तव (रवि रतलामी), हिंदी-ब्लागिंग विशेषज्ञ, रतलाम, मध्यप्रदेश
- बालेंदु दाधीच, संपादक, प्रभासाक्षी डॉट कॉम, नई दिल्ली
- जयप्रकाश मानस, संपादक, सृजनगाथा डॉट कॉम, रायपुर- समन्वयक
प्रविष्टि के नियम-
यूँ तो निर्णायक मंडल के विषय विशेषज्ञ लगभग ऐसे सभी ब्लॉगों की जानकारी (नेट पर उपलब्ध तकनीकी सुविधा के कारण) रखते हैं । तथापि हिंदी ब्लॉगरों से आग्रह है कि वे अपनी प्रविष्टि निम्नांकित जानकारियों के साथ श्री रवि रतलामी को 30 दिसम्बर 2007 तक भेज सकते हैं । अंतिम रूप से चयनित 3 हिंदी ब्लॉगरों को अपना बायोडेटा व एक छायाचित्र सृजन-सम्मान, छत्तीसगढ़ को स्मारिका में प्रकाशनार्थ भेजना होगा तथा समारोह में सम्मान-स्वीकृति का पत्र 15 जनवरी 2008 तक प्रेषित करना होगा ।
1. नाम
2. स्थान, जहाँ से यह ब्लॉग संचालित कर रहे हैं
3. ब्लॉग का केंद्रीय विषय
4. ब्लॉग में कुल प्रविष्टि
5. मौलिक लेखन या पूर्व प्रकाशित सामग्री का प्रकाशन
6. ब्लॉग का युआरएल
7. संपर्क हेतु ई-मेल
सम्मान-विवरण
1. निर्णायक मंडल के सदस्य द्वय श्री रतलामी व श्री दाधीच जी के अंतिम अनुशंसा के आधार पर 3 सर्वश्रेष्ठ हिंदी ब्लॉगरों को सम्मान-स्वरूप 2000 रुपयों की साहित्यिक कृतियाँ, मोमेन्टो (प्रतीक चिंह), सम्मान-पत्र, शॉल एवं श्रीफल से सम्मानित किया जायेगा । यह सम्मान संस्था द्वारा रायपुर में आयोजित छठवें अखिल भारतीय साहित्य महोत्सव-07 (16-17 फरवरी, 2008) में राज्य के राज्यपाल, मुख्य मंत्री व देश के प्रमुख साहित्यकार के हाथों दिया जायेगा ।
2. इसके अलावा संस्था की तीन सहयोगी एवं महत्वपूर्ण पत्रिकायें सद्भावना दर्पण (अनुवाद की त्रैमासिक पत्रिका-संपादक गिरीश पंकज), मीडिया विमर्श (संपादक-संजय द्विवेदी) तथा साहित्य वैभव (संघर्षशील रचनाकारों की मासिक पत्रिका, संपादक-डॉ। सुधीर शर्मा) निःशुल्क 1 वर्ष तक भेजीजायेगी ।
3. सम्मानित होने वाले ब्लॉगरों की कोई स्तरीय एवं साहित्यिक पांडुलिपि संस्था को प्रस्तुत होने पर संस्था उसे निःशुल्क प्रकाशित कर सकेगी । तथा ऐसे रचनाकार को संबंधित कृति की 100 प्रतियाँ अर्थात् (लगभग10,000 रुपये का सहयोग)प्रदान किया जायेगा ।
4. संस्था द्वारा प्रकाशित ऐसी कृतियों पर राज्य एवं राज्य से बाहर की इकाईयों में चर्चा गोष्ठियाँ भी आयोजित की जायेगी ।
टीपः- संस्था द्वारा भोजन एवं आवास की व्यवस्था भी सम्मान समारोह-16-17 फरवरी, 2008 के दौरान की जायेगी । उनका बोयोडेटा सचित्र संस्था के वार्षिकांक-स्मारिका में प्रकाशित की जायेगी। सृजन-सम्मान रचनाकारों की संस्था है फलस्वरूप संस्था चाहते हुए भी उनके मार्ग-व्यय की व्यवस्था की स्थिति में नहीं है ।
महासचिव
सृजन-सम्मान
9 टिप्पणियां:
बहुत अच्छा प्रयास। इससे निश्चित हिन्दी ब्लॉगिंग की प्रसिद्दि बढेगी और नए लोगों को हिन्दी ब्लॉगिंग की ओर आकर्षित करने मे मदद मिलेगी।
कोशिश करके इस सूचना को स्थानीय मीडिया पर भी प्रचारित कराएं।
बढ़िया!! शुभकामनाएं
बहुत ही उम्दा प्रयास।
जीतू भाई की बात गौर करने लायक है, मीडिया से सम्पर्क किया जाना वर्तमान परिस्थियों में बेहद आवश्यक है।
सृजन-सम्मान जिस प्रकार के कार्य हमेशा से करता रहा है, उसी कड़ी में यह एक और सकारात्मक कदम है, मैं इसकी दिल से प्रशंसा करता हूँ।
अच्छा प्रयास है
भाई कोई अपना भी नाम चला दो
:)
प्रयास अच्छा है, लेकिन प्रविष्टियां मंगवाने से अच्छा है कि आप खुद ही ब्लॉगों पर एक नजर डालते रहें, और फिर तय करें विजेता का। ब्लॉगसॅ की दुनिया अभी इतनी बड़ी नहीं है कि इनमें से शॉटॅ लिस्टिंग कर उनके विचारों को आपकी कसौटी पर परख लिया जाए।
अच्छी शुरुआत है। लेकिन, मंगलम के सुझाए तरीके का मैं भी समर्थक हूं।
pravisti bhejnae kae baad kyaa praptee kee suchna milage .
सुझावों के लिए धन्यवाद ।
यह कोई घरेलू या निजी प्रतियोगिता नहीं बल्कि स्वस्थ और रचनात्मक ब्लॉगिंग को साहित्यिक स्तर पर जोड़ने, सम्मानित करने का संस्थागत उपक्रम है ।
किसी भी संस्था के अपने नियम, मापदंड होते हैं । वह उसी के अनुसार काम करती है । संस्था ने यही पद्धति निर्धारित की है । जिसमें पहले से ही यह पद्धति शामिल है । फिर भी आपके सलाहों के लिए आभार ।
यदि हम स्वयं (बिना उनके सहारे)आप लोगों के द्वारा बताये गये विधि अनुसार भी चयन करते तो वही करते जो हमारे दोनों निर्णायक श्री रवि रतलामी और श्री बालेंदु दाधीच कर रहे हैं जो संस्था की दृष्टि में ज्यादा योग्य और विषय-विशेषज्ञ हैं । इस कार्य के लिए संस्था ने उन्हें योग्य माना है । भविष्य में भी किसी भी आपत्ति के बावजूद संस्था के नियम अपरिवर्तिनीय रहेंगे और अंतिम चयन वे दोनों ही करेंगे ।
वैसे वे दोनों स्वयं इतने जानकार हैं कि आपसे द्वारा दिये गये सलाह से पहले ही यह कार्य बिना प्रविष्टि पाये भी स्वयं खंगाल-खंगाल कर प्रारंभ कर चुके हैं । संस्था यह भी मानती है कि ब्लॉगर अपने से भी अपनी या मित्रों की प्रविष्टि भेज सकते हैं ताकि उन पर भी चयनकर्ता गौर कर लें । और इसमें कोई बुराई नहीं है ।
राम पटवा
महासचिव
सृजन-सम्मान
रायपुर, छत्तीसगढ़
इस शानदार प्रयास की सफलता की शुभकामनायें
देवी नागरानी
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