कुछ चिट्ठाकारों और सहज जिज्ञासुओं ने संस्था को फोन एवं मेल द्वारा संपर्क कर सम्मान हेतु हिंदी के ब्लॉगरों से प्रविष्टि आमंत्रित के बिषय में अपनी जिज्ञासा प्रकट की है । हम उन सभी का स्वागत करते हैं ।
वैसे तो अंतरजाल पर मौजूद सभी चिट्ठों को देखने-पढ़ने और परखने का कार्य निर्णायक मंडल के माननीय सदस्यगण कर रहे हैं । तथापि एग्रीगेटर में शामिल नहीं होने के कारण ऐसे कुछ चिट्ठों के बारे में जानने में सदस्यों को कठिनाई हो सकती है । सो हम उनसे आग्रह करते हैं कि ऐसे चिट्ठाकार अपने चिट्ठों की जानकारी या उनकी दृष्टि में विचारणीय किसी अन्य चिट्ठों के बारे में श्री रवि रतलामी या श्री बालेंदु जी को सम्मान हेतु हिंदी के ब्लॉगरों से प्रविष्टि आमंत्रित नामक पोस्ट में उल्लेखित बिंदुओं के आधार पर भेज सकते हैं । ताकि उन्हें आपका वांछित सहयोग मिल सके और सर्चिंग आदि में समय भी बच सके ।
सभी एग्रीगेटर के आत्मीय नियंत्रणकर्तां से भी आग्रह है कि वे इस दिशा में वांछित सहयोग प्रदान कर सकते हैं ।
राम पटवा
महासचिव
सृजन-सम्मान, छत्तीसगढ़
रायपुर
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4 टिप्पणियां:
आप लोगों के द्वारा किया जा रहा यह कार्य सराहनीय है । मेरा मानना है कि ऐसे ही प्रोत्साहनों से ब्लाग में तथाकथित कचरे से निजात स्वमेव ही होने लगेगा । ब्लागर्स इससे सीख लेंगे एवं रचनात्मकता परिष्कृत होगी । अभी पिछले दिनों ही मेरे एक मूर्खतापूर्ण पोस्ट पर आदरणीय रवि रतलामी जी नें कमेंट किया था जिससे मुझे अपने ब्लाग पर चितन करने के लिए विवश किया था । हमें ऐसे ही शिक्षक टिप्पणीकार की भी आवश्यकता है जो बढिया, सुन्दर जैसे दो शब्दों में टिप्पणी कर हमारे कचरा लेखन को बढावा देने वालों से परे हमें सहीं राह में ले चलते हैं । ब्लागर्स को यदि उसके पोस्ट में ही उचित टिप्पणी की जाए तो हिन्दी ब्लाग जगत के मेरे जैसे लोगों को रचना की शैली सीखने में खासी मदद मिलेगी ।
हमें इंतजार है हमारे सक्षम और योग्य अग्रजों का जिन्हें यह सम्मान प्राप्त होगा और जिनसे हम बहुत कुछ ग्रहण कर सकेंगें ।
achchha kaam hai
अर संजीव भाई, आप किस टिप्पणी की बात कर रहे हैं. मुझे तो आपकी सारी पोस्टें महत्वपूर्ण, प्रासंगिक और उत्तम लगी हैं हमेशा. और अगर कुछ झोंक में लिखा गया होगा तो माफी चाहूँगा. वैसे मेरी कोशिश तकनीकी किस्म की खामियों को इंगित करने का होता है...
प्रविष्टि प्राप्ती की सूचना ईमेल भी दे तो अच्छा रहेगा
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