प्रश्न - आप रेडियो कब से सुनते है ?
उत्तर - 1972 से रेडियो सुनना प्रारंभ किया और पिछले 35 साल से सुन रहा हूँ।
प्रश्न - सबसे पहले किस उद्घोषक की आवाज़ में रेडियो सुना और कौन सा कार्यक्रम ?
उत्तर - मैनें सबसे पहले उद्घोषक बरसाती भैया और बिसाहू भैया की आवाज़ में चौपाल नामक कार्यक्रम सुना।
प्रश्न - आप पहले कौन से कार्यक्रम सुना करते थे ?
उत्तर - घर आंगन बिंदिया, आप मन के गीत, सुर-श्रृंगार, आप के गीत।
प्रश्न - आप का सबसे पहला पत्र कब और किस कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ ?
उत्तर - मेरा पहला पत्र -आपके मीत ये गीत कार्यक्रम में 1983 में लाल राम कुमार सिंह के द्वारा सम्मिलित किया गया।
प्रश्न - कहाँ-कहाँ सुनते हैं ?
उत्तर - घर में 6-9, फिर मोटर साइकिल में । दुकान में तो आप देख ही रहे हैं ।
प्रश्न - रेडियो के बिना कैसा लगता है ?
उत्तर - लगता है जैसे दम निकल रहा हो । रेडियो मेरी प्राण है । इसके विना में नहीं रह सकता हूँ। बिजली नहीं तो बैटरी से सुनता हूँ ।
प्रश्न - आप कहां के रहने वाले हैं ?
उत्तर - वैसे तो मेरा निवास ग्राम कुम्हारी, थाना आरंग,पोस्ट गौरभाठ, जिला रायपुर छ।ग. है। पर अब वर्षों से शक्ति नगर, मेन रोड (शंकर नगर) रायपुर छ.ग. में रहता हूँ । मेरा टेलरिंग का कार्य है, जो कटोरा तालाब, रायपुर छ.ग. मे स्थित है।
प्रश्न - रेडियो से कैसे जुड़े ?
उत्तर - गाँव में स्थानीय मनोरंजन के साधनों के अलावा एक रेडियो ही था जो संचार और सूचना के साथ-साथ मनोंरजन का खास जरिया था । तब गाँव भर के लोग बड़े चाव से रेडियो सुना करते थे । वह सबसे विश्वसनीय माध्यम भी था । बचपन से रेडियो सुनते-सुनते मैं इतना रमने लगा कि आज और अभी तक रेडियो से जुड़ा हूँ।
प्रश्नौ - यदि हम घंटो की बात करें तो आप प्रतिदिन कितने घंटे रेडियो सुनते हैं ?
उत्तर - सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक (17 घंटा) सुनता हूँ।
प्रश्न - रेडियो से जुड़ने के पीछे मनोरंजन महत्वपूर्ण था या कुछ और ?
उत्तर - मनोरंजन तथा कार्यक्रम की विविधता, ज्ञानवर्धन और नाम प्रसिद्ध पाना।
प्रश्न - आपके प्रिय रेडियो स्टेशन कौन से हैं ?
उत्तर - क्षेत्रीय स्टेशनों में आकाशवाणी रायपुर और अंतराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय विविध भारती प्रसारण सेवा तथा एफ।एम. जो कि हमारे लिए दिल की धड़कन है।
प्रश्न -आप किन-किन भाषाओं में रेडियो सुनते हैं ?
उत्तर - हिन्दी, छत्तीसगढ़ी सिन्धी व पंजाबी भाषाओं में रेडियो सुनता हूं।
प्रश्न - आपके पत्र किस किस रेडियो स्टेशन से प्रसारित हो चुके हैं ?
उत्तर - आकाशवाणी रायपुर, इंदौर, ग्वालियर, बिलासपुर, विविध भारती, विविध भारती-एफ।एम. ऑल इंडिया उर्दू सर्विस आदि में प्रसारित हो चुके हैं। बीबीसी आदि कई विदेशी रेडियो स्टेशनों में भी
प्रश्न - आज मनोरंजन के दूसरे माध्यम जैसे टी.व्ही., वेब मीडिया जोरों पर है ऐसे में भी रेडियो पर जुड़ाव का क्या कारण है ?
उत्तर - आज के इस दौर में टी।व्ही. और वेब मीडिया कितना भी आ जाये और जो रेडियो में बात है वह किसी में नहीं है क्योंकि यह जीवन, दिनचर्या में कभी रूकावट नहीं करता, यही रेडिया से जुड़ाव का कारण है।
प्रश्न - रेडियो उद्घोषकों में आप किसे सर्वाधिक पसंद करते हैं और क्यों ?
उत्तर - क्षेत्रीय श्री श्याम वर्मा जी (उद्घोषक) उनकी आवाज् में मधुरता और हंसमुख के व्यक्ति हैं, हरेक के दिलों में समा जाने वाले व्यक्ति है। अंतरराष्ट्रीय विविध भारती के उद्घोषक कमल शर्मा जी के बारे में कहा जाये तो इनसे जब फोन इन फरमाइश कार्यक्रम में बातें होती है तो उनकी बातों से कमल के फूल की तरह, प्रकृति की याद दिलाती है और इनके बारे में जो कहे वह कम है। अमीन सयानी के बारे में क्या बतायें । लगता था उन्हें चौबीसों घंटे सुनते रहें ।
प्रश्न - रेडियो की समाज में उपयोगिता क्या है ?
उत्तर - रेडियो की समाज के लिए उपयोगिता है, जैसे बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय ज्ञानवर्धक बातें दूर दूर से इसके माध्यम से पहुँचता है।
प्रश्न - क्या रेडियो पहले जैसे स्थापित हो पायेगा ?
उत्तर - हाँ। रेडियो एवं ऐसा माध्यम है जिसे अपने कार्य करते हुए बिना डिर्स्टबेन्स के सुना जा सकता है। लोगबाग़ टीव्ही से उबने लगे हैं । रेडियो खासकर एफएम सुनने वाले लगातार बढ़ रहे हैं ।
प्रश्न - आपके पास पहला पत्र किस श्रोता का आया, और कहां से ?
उत्तर - हमारे पास पहला पत्र खेमूराम साहू / ग्राम सिंगदई, जिला राजनांदगांव छत्तीसगढ़ से आया।
प्रश्न - पत्र पाकर आपको कैसे लगा और क्या अनुभूति हुई ?
उत्तर - उनका पत्र पाकर मैं झूम उठा और रेडियो के माध्यम से उनको धन्यवाद दिया और मैने पत्र भी लिखा।
प्रश्न - क्या आप अपनी जिन्दगी कुछ परिवर्तन पाते हैं रेडियो के कारण ?
उत्तर - मेरे ज़िन्दगी में बहुत कुछ परिवर्तन हुआ। रेडियो के माध्यम से देश-प्रदेश के श्रोता लोग मुझे जानने लगे, पत्र भेजने लगे और मिलने के लिए आते रहते हैं। सैकड़ों लोग मुझसे मिलने आ चुके हैं ।
प्रशान्त रथ
5 टिप्पणियां:
सच है रेडियो जो हमारी संस्क्रति की एक विरासत भी है उसे सहेज कर रखने वाले मोहनलाल देवांगन जी को हमारा सलाम!
वाह भई । हम भी इस श्रोता को जानते हैं । क्या आपको नहीं लगता कि इसे रेडियोनामा पर छापना चाहिये था ।
AAP SABHI KA BAHUT BAHUT DHANYAWAD
AUR AAP SABHI KO MOHAN LAL DEWANGAN c/O NEW MOHAN TAILOR , KATORA TALAB RAIPUR CHHATTISGARH KI TARAF SE NAV VARSH KI BAHUTBAHUTBADHAIYAN....
PH. 0771-4050470
you are the best.
mohanji vakai mein ek adbhut insaan hain .Jinse main aksar hi milta rahta hoon.
unki radio ke prati utsah aur deewangi wakai kabile tareef hai.
Naveen
katora talab
raipur
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