
समिति ने अपनी अनुशंसा में कहा है कि यह गौरव की बात है कि इसे अन्य राज्य नहीं अपितु छत्तीसगढ़ के ही एक युवा इंजीनियर ने कर दिखाया है, जो साबित करता है कि राज्य के लोग छत्तीसगढ़ी को वास्तविक रूप में राजभाषा का दर्जा दिलाने के लिए हर स्तर पर अपनी सहभागिता को रेखांकित कर रहे हैं ।
श्री श्रीवास्तव को राज्य की साहित्यिक संस्था सृजन-सम्मान द्वारा आयोजित छठवें अखिल भारतीय साहित्य महोत्सव और अंतरराष्ट्रीय लघुकथा सम्मेलन के दो दिवसीय कार्यक्रम में देश-विदेश के 300 साहित्यकारों और छत्तीसगढ़ी भाषा के विशेषज्ञों, रचनाकारों, पत्रकारों की उपस्थिति महामहिम राज्यपाल और संस्कृति मंत्री द्वारा सम्मानित किया जाने की तैयारी की जा रही है । उन्हें इस अवसर पर नगदराशि, मानपत्र, शॉल, श्रीफल और बहुमूल्य साहित्यिक कृतियाँ भेंटकर अलंकृत किया जायेगा ।
उक्त अवसर पर भाषायी निष्ठा से विकसित छत्तीसगढ़ी आपरेटिंग सिस्टम का प्रदर्शन भी श्री रतलामी उपस्थित साहित्यकारों, पत्रकारों, भाषाविदों के समक्ष करेंगे । वे अंतरजाल पर हिंदी में कार्य करने की तकनीकी के बारे में भी विस्तृत जानकारी देंगे ।
समिति के महासचिव डॉ. राजेन्द्र सोनी एवं श्री राम पटवा ने अपनी संयुक्त विज्ञप्ति मे कहा है कि राज्य के चिकित्सक श्री सुखदेवे को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने शोध और विकसित चिकित्सा प्रविधि के लिए “छत्तीसगढ़ गौरव” से अलंकृत किया जायेगा । ज्ञातव्य हो श्री सुखदेवे भारत के उन चिकित्सकों में से एक हैं जिनके द्वारा विकसित चिकित्सा प्रणाली और औधषि को वृद्धावस्था रोकने में कारगर माना गया है । उनकी इस उपलब्धि को कई देशों के चिकित्साशास्त्रियों ने मौलिक और प्रभावकारी सिद्ध किया है । वे इन दिनों सेंट्रल जेल, रायपुर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद पर पदस्थ है ।
छत्तीसगढ़ निवासी इन दोनों प्रतिभाओं को छत्तीसगढ़ गौरव हेतु चयन किये जाने पर राज्य के कई बुद्धिजीवियों, साहित्यकारों, समाजसेवियों, पत्रकारों ने हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी है ।