5/18/2006

राजभाषा प्रौद्योगिकी संगोष्ठी

समाचार
मुंबई । पश्चिम रेल्वे हिंदी कंप्यूटिंग फाउंडेशन द्वारा दो दिवसीय भाषा प्रौद्योगिकी संगोष्ठी एवं राजभाषा सम्मेलन आयोजित किया गया । संस्था के सचिव डॉ. राजेन्द्र गुप्त द्वारा द्वारा स्वागत के बाद सरस्वती वंदना कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ । पश्चिम रेल के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी उत्तम चंद, पश्चिम रेलवे के मुख्य राजभाषा अधिकारी तथा फाउंडेशन के अध्यक्ष ने कहा रेल ने राजभाषा के रथ को प्रगति पर ले जाने में सदा पहल की है तथा पश्चिम रेल हिंदी कंप्यूटिंग फाउंडेशन की स्थापना भी इसी दिशा में एक कदम है । संगोष्ठी का विषय प्रवर्ईतन डॉ. मोतीलाल गुप्त ने किया । इस अवसर पर आयात निर्यात बैंक के नवल किशोर शर्मा, वायदा बाजार आयोग के डॉ. सतीश शुक्ल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम के रामविचार यादव, हिंदुस्तानी प्रचार सभा की डॉ. सुशीला गुप्त ने अपने विचार व्यक्त किए । इसके अतिरिक्त ‘एक गांव – एक कंप्यूटर’ प्रकल्प प्रमुख अनिल सालिग्रामकर, आइएल इंफोटेक के निनाद प्रदान तथा साइबर स्पेस मीडिया के एम. एल. श्रीधर ने भाषाई सुविधाओं से युक्त सॉफ्टवेयरों पर अपने प्रस्तुतिकरण भी किए । विशेष अतिथि के रूप में साहित्यकार गिरिजाशंकर त्रिवेदी ने कहा कि जब गांव-गांव की भाषा में कंप्यूटर काम करने लगेगा तभी सही मायनों में विकास होगा । मुख्य अतिथि के पद से बोलते हुए पश्चिम रेल के अपर महाप्रबंधक विवेक सहाय ने कहा कि आयार्य रामचंद्र शुक्ल और पंडित महावीर प्रसाद द्विवेदी, जो हिंदी के पुरोधा कहे जाते हैं वे रेलकर्मी थे । रेल और राजभाषा का पुराना साथ है । इस संस्था की कोशिश भारतीय भाषाओं को कंप्यूटर पर लाने की है । यदि हिंदी कंप्यूटर पर नहीं रही तो प्राकृत और पाली की तरह लुप्त हो जाएगी । प्रमुख वक्ताओं के अलावा संगोष्ठी में विशेष सहभागिता के लिए हिंदी शिक्षण योजना के अनंत श्रीमाली और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के राजीन सारस्वत को शॉल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया । इसके उपरांत मधु राय लिखित नाटक अश्वत्थामा का मंचन हरवंश सिंह के निर्देशन में हुआ । इस नाटक को पश्चिम रेल महाप्रबंधक राजकमल राव ने पांच हज़ार रुपए पुरस्कार स्वरूप दिए ।
सम्मेलन के दूसरे दिन डॉ. राजेन्द्र गुप्त ने फाउंडेशन द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर ‘हिंदी शिक्षक’ और ‘राजभाषा आफिस’ का प्रदर्शन किया । विशेष वक्ता पद्मभूषण न्यायमूर्ति चंद्रशेखर धर्माधिकारी ने कहा कि देवनागरी में हस्ताक्षरऔर घर में मातृभाषा के प्रयोग का संकल्प लें । मुख्य अतिथि माननीय अतिथि रेल राज्य मंत्री नारणभाई राठवा ने राजभाषा आफिस और राजभाषा स्टार्टर की सीडी तथा संस्था की स्मारिका का लोकार्पण करते हुए कहा कि रेल और रेलयात्री हिंदी के प्रचार का सबसे अच्छा जरिया है । फाउंडेशन के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए श्री राठवा ने एक लाख रुपए का सहयोग देने की घोषषा कर डाली । कार्यक्रम का संचालन पश्चिम रेल के जनसंपर्क अधिकारी महतपुरकर ने किया ।
(राजीव सारस्वत, मुंबई ने भेजा। )

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