मजा चखायेंगे
गीति-नीति गये बाजार,
लाये दर्जन भर अनार।
अनार में लाल दाना नहीं,
मम्मी से बोले ‘खाना नहीं’ ।
अबकी मजा चखायेंगे,
कागज के नोट दे आयेंगे ।
पुलिस उसे लेगी पकड़,
रोयेगा नाक रगड़-रगड़ ।
माँ को खबर लगाती गौरैया
चीं-चीं, चीं-चीं गाती गौरैया,
किसी से ना घबराती गौरैया ।
पास खेलती पास गये तो,
फुर्र से उड़ जाती गौरैया ।
धूम मचाती दिन भर घर में,
शाम ढले सो जाती गौरैया ।
दर्पण में देख रूप अपना,
चोंच उससे लड़ाती गौरैया ।
चीं-चीं, चीं-चीं गाती गौरैया,
किसी से ना घबराती गौरैया ।
पास खेलती पास गये तो,
फुर्र से उड़ जाती गौरैया ।
धूम मचाती दिन भर घर में,
शाम ढले सो जाती गौरैया ।
दर्पण में देख रूप अपना,
चोंच उससे लड़ाती गौरैया ।
दूध चुराने जब आती बिल्ली,
माँ को खबर लगाती गौरैया ।
छोटी सी है प्यारी-प्यारी,
रूठकर दूर ना जाती गौरैया ।
जयप्रकाश मानस
http://jayprakashmanas.blogspot.com
1 टिप्पणी:
बहुत अच्छे
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