प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बनाने के लिए सशक्त कदम उठाने का वादा किया है।सिंह ने आठवें विश्व हिन्दी सम्मेलन को भेजे संदेश में कहा कि पिछले विश्व हिन्दी सम्मेलन में इस आशय का प्रस्ताव किया गया था, जिसके बाद सरकार इस दिशा में काम कर रही है।हिन्दी को वैश्विक भाषा बनने पर जोर देते हुए सिंह ने मजबूत सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और सर्च इंजन बनाने की पैरवी की, ताकि इसे इंटरनेट का फायदा उठाने लायक बनाया जा सके।उन्होंने हिन्दी साहित्य के लेखकों की कृतियों को विदेश में स्कूलों और विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में शामिल करने की भी वकालत की।सिंह ने कहा कि विदेश में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है और इस उद्देश्य के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की आर्थिक प्रगति उसकी भाषा के विकास पर भी निर्भर करती है।प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीयों की प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत के नतीजतन हिन्दी का प्रभाव दुनियाभर में फैल रहा है। उन्होंने कहा कि भाषा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति, संगीत, फिल्मों और व्यंजनों की महत्ता भी स्वीकार की गई है।
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