मुम्बई स्थित संस्थान राजभाषा किरण के तत्वावधान में भुवनेश्वर में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में 8 जनवरी 2010 को मुख्य अतिथि डॉ. प्रसन्न पाटसाणि सांसद् भुवनेश्वर एवं माननीय सदस्य संसदीय राजभाषा समिति ने अखिल भारतीय स्तर कम्प्यूटर व आॅन-लाइन पर सर्वाधिक हिंदी प्रयोग के लिये भिलाई इस्पात संयंत्र को सर्वोत्कृष्ट निरूपित करते हुये सम्मानित किया। भिलाई इस्पात बिरादरी की ओर से संयंत्र के राजभाषा प्रमुख श्री अशोक सिंघई ने यह सम्मान ग्रहण किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय हिंदी अकादमी के निदेशक डॉ. शंकर लाल पुरोहित उत्कल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 बिनायक रथ तथा भुवनेश्वर दूरदर्शन केन्द्र के निदेशक श्री विमल चन्द्र गुप्ता मंचस्थ थे।
भिलाई को देश का नवरत्न निरूपित करते हुये सांसद् डॉ. पाटसाणि ने कहा कि भिलाई देश का ऐसा आधुनिक तीर्थ है जहाँ समस्त भारतीय भाषाओं का संगम विद्यमान है। ऐसे जटिल तकनीकी से युक्त संयंत्र में आधुनिक कार्यप्रणालियों में हिंदी के प्रयोग की सोच एक अग्रगामी और अनुकरणीय पहल है। हिंदी कार्य में लगातार विकास भिलाई जनशक्ति के राष्ट्रप्रेम तथा कर्तव्य परायणता का द्योतक है और यह संयंत्र के नेतृत्वकर्ता के सकारात्मक सोच का सुफल है।
संयंत्र को कम्प्यूटर व हिंदी के सम्मिलन के सराहनीय कार्य के लिए प्राप्त शील्ड को श्री पवन कुमार अग्रवाल कार्यपालक निदेशक (कार्मिक व प्रशासन) ने राजभाषा विभाग के कर्मियों की उपस्थिति में श्री रा. रामराजु प्रबंध निदेशक महोदय को सौंपा। श्री रामराजु ने राजभाषा के क्षेत्र में किये जा रहे कार्य की सराहना करते हुए विभागीय टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भिलाई इस्पात बिरादरी आने वाले कल में विज्ञान और तकनीकी में भी हिंदी की उपयोगिता सिद्ध करने में अपनी पहल की संस्कृति क़ायम रखेगी।
(अशोक सिंघई की रपट)
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