रायपुर । अंतरजाल की पत्रिका सृजनगाथा डॉट कॉम को मिनीमाता फाउंडेशन द्वारा राष्ट्रीय मिनीमाता फैलोशिप के लिए चुना गया है । 25 अगस्त को संपन्न फाउंडेशन की वार्षिक कार्यकारिणी बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार उच्च स्तरीय चयन मंडल की अनुशंसा पर फैलोशिप के अंतर्गत सृजनगाथा को (उनके द्वारा छत्तीसगढ़ जैसे पिछड़े राज्य से भारतीय संस्कृति और विशेष तौर पर हिंदी की वैश्विक प्रतिष्ठा के लिए किये जा रहे प्रयासों को सम्मानित करते हुए )1 लाख रुपये नगद, प्रशस्ति-पत्र, एवं प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया जायेगा । कला, साहित्य एवं संस्कृति के साथ 19 वीं सदी के संत गुरुघासीदास जी द्वारा स्थापित जीवन मूल्यों के विस्तार लिए संचालित मिनीमाता फाउंडेशन द्वारा इस वर्ष से राष्ट्रीय स्तर का यह फैलोशिप प्रतिवर्ष उल्लेखनीय सेवा के लिए प्रदान किया जायेगा । सृजनगाथा को यह सम्मान गुरुघासीदास जयंती 18 दिसम्बर 2007 को प्रदान किया जायेगा ।
फैलोशिप के अंतर्गत जयप्रकाश मानस के दिशाबोध में सृजनगाथा द्वारा गुरुघासीदास पर केंद्रित एक इनसायक्लोपीडिया तैयार की जायेगी । यह इनसायक्योपीडिया प्रिंट और अंतरजाल दोनों माध्यमों पर तैयार किया जायेगा । फाउंडेशन के अध्यक्ष रामशरण टंडन ने बताया है कि इस कार्य में लगने वाला अतिरिक्त व्यय फाउंडेशन द्वारा किया जायेगा । ज्ञातव्य हो कि गुरुघासीदास ऐसे संत हैं जिनके लाखों-करोड़ो अनुयायी सारी दुनिया में फैले हुए हैं । इन्हें गुरुघासीदास जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केंद्रित साहित्य एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराने की दिशा में यह फैलोशिप प्रारंभ किया गया है । गुरुघासीदास जी सतनाम पंथ के वे जनक माने जाते हैं । उन्होंने दलितों, पिछड़ों और वंचितों के उत्थान के लिए जीवन पर्यंत कार्य किया था । (अध्यक्ष, मिनीमाता फाउंडेशन की सूचना)
फैलोशिप के अंतर्गत जयप्रकाश मानस के दिशाबोध में सृजनगाथा द्वारा गुरुघासीदास पर केंद्रित एक इनसायक्लोपीडिया तैयार की जायेगी । यह इनसायक्योपीडिया प्रिंट और अंतरजाल दोनों माध्यमों पर तैयार किया जायेगा । फाउंडेशन के अध्यक्ष रामशरण टंडन ने बताया है कि इस कार्य में लगने वाला अतिरिक्त व्यय फाउंडेशन द्वारा किया जायेगा । ज्ञातव्य हो कि गुरुघासीदास ऐसे संत हैं जिनके लाखों-करोड़ो अनुयायी सारी दुनिया में फैले हुए हैं । इन्हें गुरुघासीदास जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केंद्रित साहित्य एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराने की दिशा में यह फैलोशिप प्रारंभ किया गया है । गुरुघासीदास जी सतनाम पंथ के वे जनक माने जाते हैं । उन्होंने दलितों, पिछड़ों और वंचितों के उत्थान के लिए जीवन पर्यंत कार्य किया था । (अध्यक्ष, मिनीमाता फाउंडेशन की सूचना)
3 टिप्पणियां:
जयाप्रकाश जी:
आप को और सृजनगाथा परिवार को इस सम्मान के लिये बधाई और शुभकामनाएं ।
स्रुजनगाथा एक बहुत ही सराहनीय प्रयास है, मैं उस के नियमित पाठकों में से हूँ ।
बहुत सही आदर एकदम सही कार्य के लिये दिया गया है. अभिनंदन स्वीकार करें -- शास्त्री जे सी फिलिप
मेरा स्वप्न: सन 2010 तक 50,000 हिन्दी चिट्ठाकार एवं,
2020 में 50 लाख, एवं 2025 मे एक करोड हिन्दी चिट्ठाकार!!
बधाई व शुभकामनाएं
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