होली पर हाइकु
सुश्री प्रेमलता पांडेयएक ले टेसू फूल
यमुना जी के कूल
भीगे दुकूल॥दोवॄषभानुजा
खेलें होली आ तो जा
ना दे यूं सजा॥तीनक्यों मैं आऊं?
रंग में रंगी जाऊं?भीगी हो जाऊं॥चारदाऊ कान्हा केचित्तचोर राधा केरंगे आ आ के॥पाँचश्याम रंग है?राधे कौन संग है?गोप-वॄंद है॥छःकान्हा मुस्काएसब रंग जुटाएना डरपाए॥
1 टिप्पणी:
सुन्दर , अति सुन्दर , सरस , सरल |
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